Bansawali कैसे बनेगा। ये है आसान प्रोसेस: घर बैठे बनेगी वंशावली और मिलेंगे ये ढेरों फायदे – अक्सर जमीनी मामलों में विवाद होता रहता है, लोगों को कोर्ट में भी इस तरह के मामलों में न्याय पाने में सालों का समय लगता है। ऐसे विवाद कम से कम हों, इसमें वंशावली अहम रॉल अदा करती है। बिहार में वंशावली का सबसे बड़ा फायदा भूमि विवादों के समाधान, पारिवारिक संपत्ति के दावों, और जाति प्रमाण पत्र के लिए होता है लेकिन, बहुत सारे लोगों को नहीं पता है की, इस सरकारी डॉक्यूमेंट (वंशावली) को घर बैठे-बैठे कैसे बनवाया जा सकता है? आज के आर्टिकल में हम वंशावली के फायदे और इससे बनाने का तरीके आदि के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
वंशावली को बनाने के लिए आपको जिस भी साइट पर जाना होगा, उन सभी साइट्स का डायरेक्ट लिंक आर्टिकल में ही मौजूद है, इसलिए बस आपको इस आर्टिकल को स्टेप बाय स्टेप पढ़कर फॉलो करते जाना है और आपको वंशावली मिल जाएगी।
वंशावली क्या है और इसके क्या फायदे हैं?
वंशावली एक सरकारी डॉक्युमेंट है जिसमें परिवार की पीढ़ियों की इनफार्मेशनऔर उनके बीच संबंधों का विवरण दिया होता है। अगर आपके पास यह डॉक्युमेंट मौजूद है तो, इससे आपको निम्नलिखित फायदे होंगे –
बिहार में वंशावली डॉक्युमेंट के फायदे –
- जमीनी लड़ाइयों में जल्दी समाधान – वंशावली के आधार पर बड़ी ही आसानी से जमीन पर मालिकाना हक़ को सिद्ध किया जा सकता है।
- जाति प्रमाणपत्र – अगर आप बिहार में जाति प्रमाणपत्र बनवाना चाहते हैं तो, उसके लिए भी वंशावली जरूरी होती है क्योंकि, वंशावली परिवार की पीढ़ियों का रिकॉर्ड होता है, जिससे यह पता चल जाता है कि आपकी जाति क्या है? इस दस्तावेज़ का उपयोग जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप सही जाति से जुड़े हैं। यह प्रमाणपत्र सरकारी योजनाओं, आरक्षण, और अन्य कानूनी कामों में भी मदद करता है।
- पारिवारिक संपत्ति का दावा – जब संपत्ति के अधिकार अथवा बंटवारे का प्रश्न उठता है, तो वंशावली से यह प्रूफ हो जाता है की, आप किस पीढ़ी या शाखा से जुड़े हैं, और इस तरह आपके अधिकार का दावा किया जा सकता है। यह कानूनी विवादों में भी मददगार साबित हो सकता है, ज्यादातर ऐसे मामलों में जब कई परिवार के सदस्य संपत्ति का दावा कर रहे हों।
- सरकारी योजनाओं का फायदा – कुछ योजनाओं का लाभ लेने के लिए परिवार की वंशावली की जरुरत पड़ती है।
- सामाजिक सुरक्षा – इसके माध्यम से यह साबित किया जाता है की, अमुख परिवार किस वंश का है, जिससे सामाजिक मान्यता मिलती है और कानूनी मामलों में भी यह दस्तावेज़ आपके परिवार के अधिकारों को साबित करने में मदद करता है।
Bansawali कैसे बनेगा – Overview
Aspect | Details |
---|---|
Document Name | Bansawali (वंशावली) |
Primary Uses | Land disputes, inheritance claims, caste certificate |
Creation Process | Offline through ward members |
Required Documents | Aadhaar cards, witness details, active mobile, etc. |
Legal Importance | Proves family lineage for property claims |
Social Benefit | Establishes family’s social and legal standing |
Contribution to Caste Certificate | Verifies family’s caste for certificate issuance |
वंशावली बनवाने के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स की जरुरत पड़ती है?
वंशावली को एकदम नये तरीके से बनवाने के लिए आपको आवेदनकर्ता का आधार कार्ड, पिता/पति का आधार कार्ड, आवेदनकर्ता के दादा जी का आधार कार्ड (दादा जी के स्वर्गवास की स्थिति में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र चाहिए होगा) और 5 गवाह और उनके आधार कार्ड, एक एक्टिव मोबाइल नंबर, “ग्रामप्रधान, वार्ड सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका चौकीदार के साइन” आदि भी चाहिए होंगे।
वंशावली बनवाने का फुल प्रोसेस क्या है?
अब तक आप वंशावली के फायदे और संबन्धित अहम जानकारी ले चुके हैं। आइये अब वंशावली को बनवाने के आसान प्रोसेस के बारे में जानते हैं, नीचे बताए सभी स्टेप्स करके आप भी अपनी वंशावली प्राप्त कर पाएंगे –
- वंशावली बनवाने का प्रोसेस ऑनलाइन नहीं है, इसलिए इसके लिए आपको सबसे पहले क्षेत्र के वार्ड सदस्य मिलना पड़ेगा।
- वार्ड सदस्य आपको एक आवेदन प्रपत्र (जिसे आप आगे दिए लिंक पर क्लिक करके, PDF के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं) देंगे, जिसको सही से पढ़कर आपको को भर लेना है। – Download Prapatra PDF
- फॉर्म को भरने के बाद, एक बार सही से चेक करके वार्ड मेंबर को अथवा ब्लाक में जमा कर दें।
- जहाँ आपके द्वारा भरी जानकारी को वेरीफाई किया जाएगा। अब इस फॉर्म को अपने गांव के प्रधान से सत्यापित कराने के बाद आपको वंशावली मिल जाएगी। (समय के अनुसार इसमें एक-दो स्टेप घट-बढ़ सकते हैं)
वंशावली (Bansawali) बनवाने को लेकर जरूरी अपडेट –
जैसा ही आप ऊपर दी गई इमेज में अख़बार की कटिंग में भी पढ़ सकते हैं की, पूरे बिहार में मार्च 2024 से प्रत्येक जिले में शिविर लगाया गया था। जिसमें वंशावली बनवाने के लिए अंचल के बजाय पंचायत स्तर पर ही तीन दिन का (मंगलवार, बुधवार और गुुरुवार) शिविर लगाया गया।
अगर जमीन की जमाबंदी (मालिकाना हक) किसी व्यक्ति के नाम पर है, तो वही व्यक्ति उस जमीन को बेच या दान कर सकता है। लेकिन अगर जमाबंदी पूर्वजों के नाम पर है और अब तक उसे नए उत्तराधिकारियों के नाम पर अपडेट नहीं किया गया है, तो वर्तमान नियमों के अनुसार उत्तराधिकारी उस जमीन या संपत्ति को बेच या दान नहीं कर सकते।
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अंतिम शब्द –
साथियों इस आर्टिकल में हमने आपको वंशावली के बारे में पूरी जानकारी दी है, जिसमें वंशावली के फायदे, वंशावली को बनवाने का तरीका आदि शामिल हैं। अब आप भी अपने परिवार की वंशावली तैयार करा पाएंगे और इसका पूरा फायदा ले पाएंगे। अगर प्रोसेस के किसी भी स्टेप को समझने में समस्या आ रही है तो, अपनी समस्या को कमेंट में बताकर उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
Bansawali के बारे में लगातार पूछे जाने वाले पाँच सवाल-जवाब –
Q1. वंशावली किस प्रकार के मामलों में उपयोगी होती है।
वंशावली का मुख्य उपयोग भूमि विवादों, संपत्ति के दावों, और जाति प्रमाणपत्र बनवाने में होता है। यह डॉक्यूमेंट परिवार की पीढ़ियों के रिकॉर्ड को सिद्ध करता है।
Q2. क्या वंशावली बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया है?
फिलहाल वंशावली बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन नहीं है; इसे ऑफलाइन रूप से करना पड़ता है।
Q3. क्या Bansawali से संपत्ति का दावा किया जा सकता है?
हां, वंशावली से पारिवारिक संपत्ति के अधिकार का दावा सिद्ध किया जा सकता है।
Q4. वंशावली कैसे पारिवारिक संपत्ति के दावों में सहायक होती है?
वंशावली से परिवार की पीढ़ियों का संबंध सिद्ध किया जा सकता है, जिससे संपत्ति के मामलों में, वंशावली का उपयोग करके आप यह साबित कर सकते हैं कि आप सही उत्तराधिकारी हैं।
Q5. Bansawali का जाति प्रमाणपत्र बनाने में क्या योगदान है?
वंशावली से परिवार की जाति का प्रमाण मिलता है, जो जाति प्रमाणपत्र बनाने में जरूरी होता है।
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